Monday 12 October 2020

तुलसी जी की दो सेवायें ।

 


# तुलसी जी की दो सेवायें हैं ।

प्रथम सेवा - तुलसी की जड़ो में ...प्रतिदिन जल अर्पण करते रहना ! केवल एकादशी को छोड़ कर। 

द्वितीय सेवा - तुलसी की मंजरियों को तोड़कर  तुलसी को पीड़ा मुक्त करते रहना ,
क्योंकि ~ ये मंजरियाँ तुलसी जी को बीमार करके सुखा देती हैं ! जब तक ये मंजरियाँ तुलसी जी के  शीश पर रहती हैं , तब तक तुलसी माता घोर कष्ट पाती हैं !

इन दो सेवाओं को …श्री ठाकुर जी की सेवा से  कम नहीं माना गया है !   

इनमें कुछ सावधानियाँ रखने की आवश्यक्ता है !

जैसे ~    तुलसी दल तोड़ने से पहले तुलसीजी की आज्ञा ले लेनी चाहिए ! सच्चा वैष्णव बिना आज्ञा लिए … तुलसी दल को स्पर्श भी नहीं करता है !

रविवार और द्वादशी के दिन  तुलसी दल को नहीं तोड़ना चाहिए , तथा कभी भी नाखूनों से तुलसी दल को नहीं तोड़ना चाहिए ! 

कारण -- तुलसीजी श्री ठाकुर जी की आज्ञा से केवल इन्ही दो दिनों  विश्राम और निंद्रा लेती हैं ! बाकी के दिनों में वो एक छण के लिए भी सोती नही हैं और ना ही विश्राम लेती हैं ! आठों पहर ठाकुर जी की ही … सेवा में लगी रहती हैं !

न ही एकादशी को जल देना चाहिये क्यो की इस दिन तुलसी महारानी भी ठाकुर जी के लिये निर्जल व्रत रखती हैं । ऐसा करने से महापाप लगता है !

(साभार -  अनजान, व्हाट्सएप से प्राप्त)

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